ख्वाबों खयालों में हर पल तेरा चेहरा नजर आता है ऐ मेरे मालिक बता, क्यों ये चांद दिन में नजर आता है लगा के काजल दिन को रात कर दो क्या कोई बता के नजर लगता है क्यों ये चांद दिन में नजर आता है क्यों ये दिल इतना बेवस है कौन जाने क्या कशमकश है मेरे मौला कुछ समझ नहीं आता है क्यों ये चांद दिन में नजर आता है ये नकाब हो गया है दुश्मन मेरा रुख से जरा हटाओ दिखाओ दिलकश चेहरा खुदा की नेमत को भी कोई छुपाता है क्यों ये चांद दिन में नजर आता है इतना आसां नहीं तुम्हें भुला देना मदहोश हो जाऊं तो यारों हिला देना उनकी आमद से मौसम बदल जाता है क्यों ये चांद दिन में नजर आता है हमें देखकर वो अक्सर घबरा जाते हैं शायद रुसबा होने से डर जाते हैं बेजान जिस्म पर क्यों तरस नहीं आता है क्यों ये चांद दिन में नजर आता है
meri nazar mein pyaar zindagi h jiske pass h saccha pyaar uske pass aindagi k saare hasin lamhe h,
ReplyDeleteaur mere liye-
"TODA H THODE KI JARURAT H"