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Friday, September 26, 2014

तू है


मेरी चाहत तू, मेरी जिंदगी तू, मेरा ईमान तू है
खलिस है तू दिल की, आराम तू है

कुदरत की रहमत तू, इश्क का पयाम तू है
छाया है मुझ पर जिसका सुरूर वो जाम तू है

शबनमी बूंद सा मखमल खयाल तू है
ढलते सूरज की अंगड़ाई सा अल्हड़ ख्वाब तू है

मेरी आशिकी का खूबसूरत कलाम तू है
जिसके बिना न जी पाऊं मैं वो हंसी नाम तू है

मेरा मकसद तू, मेरा जहां तू, मेरा मुस्तकबिल तू है
जिस राह से भी मैं गुजरूं उसकी मंजिल तू है

सालों से की हुई मोहब्बत का अंजाम तू है
खुदा से की हर मन्नत का ईनाम तू है

मेरी चाहत तू, मेरी जिंदगी तू, मेरा ईमान तू है
खलिस है तू दिल की, आराम तू है