
पर मुझको है तुम पर पूरा ऐतबार
तुम्हारी हूं मैं और रहूंगी भी तुम्हारी
करूंगी सात जन्मों तक मैं तुम्हारा इंतजार
कभी तो बयां करोगे तुम अपने जज्बात
कि तुम्हारे सीने में दबा है बस मेरा प्यार
कोशिश कर लो रोकने की खुद को चाहे जितनी
तुम्हें आना ही होगा मेरे पास बार-बार
पलकों में मेरी सूरत को छुपा पाओगे कैसे
आंखों की जुबां के भी तो लफ्ज होते हैं हजार
तुम्हें पाना है मेरी जिंदगी की ख्वाहिश
मिलो तुम मुझे जहां के इस पार या उस पार
तुम भले ही न करो अपने प्यार का इकरार
पर मुझको है तुम पर पूरा ऐतबार