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Monday, December 29, 2014

फिर तुम्हारा साथ मिले न मिले

सालों पहले मुझे हो गई थी तुमसे मोहब्बत
जिसे अपने दिल में छुपाकर
काटा मैंने हर एक दिन
मेरे पास भले ही नहीं थे तुम
लेकिन तुमसे दूर नहीं थी मैं
आज जब मिले हो तुम मुझे
इतने सालों बाद तो
जी करता है कि आने वाले
हर पल को बिताऊं तुम्हारे साथ
तुम्हारेचेहरे को बसा लूं अपनी आंखों में
तुम्हारी खुशबू से महका लूं अपना मन
छुप जाऊं तुम्हारे सीने में मैं
समा जाऊं तुम्हारी सांसों में
हाथों में लेकर तुम्हारा हाथ
देखती रहूं तुम्हारी सूरत सारी रात
रख लो तुम मेरे कंधे पर सिर
खो जाऊं मैं तुम्हारी बातों में फिर
जी लूं हर एक लम्हे को जी भरकर
क्या पता फिर तुम्हारा साथ मिले न मिले

Sunday, December 21, 2014

मैं क्यों हूं

तुम हो या नहीं
नहीं पता है मुझे
लेकिन हर दिन 
दिल में एक सवाल 
उठता है कि क्या तुम 
वाकई में हो और फिर 
ढूंढ लेती हूं खुद ही उस
सवाल का जवाब 
लेकिन फिर भी मन में 
असमंजस सा रह जाता है

जब कोई मरते हुए
बच जाता है तो लगता है
कि हां तुम हो
जब कोई बच्चा बेमौत 
मर जाता है
तो लगता है कि तुम 
कहीं नहीं हो
जब मिलती है किसी को
उसके गुनाहों की सजा
तो लगता है कि तुम हो
जब देखती हूं अपने 
आस-पास की बुराई को
हर दिन जीतते हुए तो
लगता है कि तुम नहीं हो

तुम्हारे होने या न होने पर
कई बार तर्क किए मैंने
कभी खुद से कभी दूसरों से
कई बार मेरे तर्क जीते 
और उन्होंने कहा कि तुम नहीं हो
कई बार मेरी आस्था जीती और
उसने कहा कि तुम हो

लेकिन मेरा हर तर्क हार जाता है
जब मैं आइने में देखती हूं खुद को
और सोचती हूं कि गर तुम नहीं हो
तो मैं क्यों हूं, ये शरीर क्यों है, 
मेरा वजूद क्यों है और तब मुझे
बस एक ही जवाब मिलता है
कि तुम हो तो ही मेरा वजूद है
तुम हो तो ही ये दुनिया है 

Friday, December 19, 2014

एक और कोशिश

जानती हूं कि आज भी
तुम कुछ नहीं बोलोगे
नहीं दोगे मुझे कोई जवाब
फिर भी करना चाहती हूं
एक और कोशिश
पूछना चाहती हूं तुमसे कि
क्या तुम भी करते हो
मुझसे प्यार

हां में या न में जो भी हो
तुम्हारा जवाब
करो तुम मेरा यकीन
कभी नहीं कम होगा
मेरे दिल में तुम्हारा रुबाब

जिंदगी की हर मुश्किल में
दूंगी हर पल मैं तुम्हारा साथ
हो चाहे मंजिल कितनी भी दूर
थामे रहूंगी मैं तुम्हारा हाथ
तुम्हारी कमजोरी नहीं
तुम्हारी ताकत बनकर
हर राह पर खड़ी रहूंगी
तुम्हारा हौसला बनकर

अगर कहोगे तुम मुझसे
कि करो कुछ दिन और इंतजार
तो भी फिक्र न करना
क्योंकि अपनी रूह में
बसाकर तुमसे करती रहूंगी
मैं हर सांस के साथ प्यार

Sunday, December 7, 2014

...क्योंकि यादें कभी नहीं मरतीं

यादें...
कुछ सहमी सी, कुछ ठहरी सी
कुछ नाजुक सी, कुछ हल्की सी
कुछ मीठी सी, कुछ खट्टी भी
सालों से बंद पड़े मन के दरवाजे
की कुंडी को हौले से खोलकर
दिल में दाखिल होतीं...
धीरे से कदम बढ़ातीं,
कुछ धूल चढ़ी परतों
को फूक मारकर उड़ातीं
तुम्हारे चेहरे के हर भाव को
आंखों के सामने दोहरातीं
मुस्कुराकर कभी कहा था तुमने
कि मैं ही हूं तुम्हारा प्यार
उस एक पल में पूरी
जिंदगी को जी जातीं
बचपन में अपने गांव में
एक आम के पेड़ पर
जो लिखा था मैंने तुम्हारा नाम
उसे जेहन में फिर से सजातीं
दिल को ये एहसास दिलातीं
कि हो जाओ चाहे तुम किसी के भी
बिताओ अपनी जिंदगी किसी के साथ
लेकिन जब तक हैं ये यादें
तब तक तुम हो...
मेरे करीब, मेरी सांसों में समाए
और रहोगे ताउम्र यूं ही मेरे साथ चलते
क्योंकि यादें कभी नहीं मरतीं...



Friday, December 5, 2014

दूरियां

मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं

अपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
पर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं

दूर रहकर भी रहे ताजी वही सच्ची मोहब्बत है
साथ रहने से तो आदत भी प्यार नजर आती है

दूरियों की साजिश को समझ कर तो देखो जरा
महबूब की हसीं यादों को ये पलकों में छुपाती हैं

मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं