Posts

Showing posts from December 21, 2014

मैं क्यों हूं

Image
तुम हो या नहीं नहीं पता है मुझे लेकिन हर दिन  दिल में एक सवाल  उठता है कि क्या तुम  वाकई में हो और फिर  ढूंढ लेती हूं खुद ही उस सवाल का जवाब  लेकिन फिर भी मन में  असमंजस सा रह जाता है जब कोई मरते हुए बच जाता है तो लगता है कि हां तुम हो जब कोई बच्चा बेमौत  मर जाता है तो लगता है कि तुम  कहीं नहीं हो जब मिलती है किसी को उसके गुनाहों की सजा तो लगता है कि तुम हो जब देखती हूं अपने  आस-पास की बुराई को हर दिन जीतते हुए तो लगता है कि तुम नहीं हो तुम्हारे होने या न होने पर कई बार तर्क किए मैंने कभी खुद से कभी दूसरों से कई बार मेरे तर्क जीते  और उन्होंने कहा कि तुम नहीं हो कई बार मेरी आस्था जीती और उसने कहा कि तुम हो लेकिन मेरा हर तर्क हार जाता है जब मैं आइने में देखती हूं खुद को और सोचती हूं कि गर तुम नहीं हो तो मैं क्यों हूं, ये शरीर क्यों है,  मेरा वजूद क्यों है और तब मुझे बस एक ही जवाब मिलता है कि तुम हो तो ही मेरा वजूद है तुम हो तो ही ये दुनिया है  ...