बस तुम्हीं हो
तुम्हारे ख्वाबों ने मेरे मन में कुछ ऐसा मकाम बनाया है कि हर पल मेरे खयालों में बस तुम्हारा ही नाम छाया है तुम्हारा हाथ थामकर कट जाएगा जिंदगी का सफर तुम्हारे साथ ही बीतेगा अब हर मौसम और पहर तुम्हारी आंखों की कशिश में हर शाम डूबा करेंगे तुम्हारी बाहों के घेरे में ही अब दिन और रात कटेंगे पहली हो या आखिरी मेरी मोहब्बत बस तुम्हीं हो हर पल जो मैं करती हूं वो इबादत बस तुम्हीं हो जिस्म-ओ-जान से अब तुम्हारे बनकर हम जिएंगे तुम्हारी गोद में सिर रखकर ही हम मौत से मिलेंगे