Posts

Showing posts from March 14, 2014

गुलाल जो बिखरा था राहों में

Image
रंग और गुलाल जो बिखरा था राहों में आती-जाती भीड़ और उड़ता धूल का गुबार राहों में याद करती उस दिन को जब उससे मिली थी इन्हीं राहों में साथ चलते-चलते छूट गया था हाथ कहीं राहों में देख रही थी वो ख्वाब जो बिखरा था राहों में कर रही थी वो बैठी इंतजार राहों में साथ चलेंगे फिर वे बनकर हमसफर जिंदगी की राहों में