प्यार का रंग
ब्लैक एंड व्हाइट पेंटिंग जैसी मेरी इस जिंदगी में तुमने आकर प्यार की कूंची से बेहिसाब रंग भर दिए पहले अकेले तन्हा रहती थी मैं जिंदगी को एक बोझ की गठरी समझकर ढोती थी मैं लेकिन तुम्हारे आते ही लगा जैसे कि बोझ की वो गठरी छिटककर कहीं दूर जा गिरी हो और जिंदगी की सारी मुश्किलें उसमें से निकलने को बेताब हो रही हों बहुत हल्कापन महसूस हुआ था मेरे दिल को उस दिन धीरे-धीरे तुमसे बातें करना अच्छा लगने लगा था फिर न जाने कब उन बातों ही बातों में तुमसे प्यार हो गया और फिर एक दिन आया जब उस प्यार का इकरार हो गया उस दिन से मैं हो गई तुम्हारी और तुम मेरे हमेशा के लिए अब तो मुझे अपनी ब्लैक एंड व्हाइट यादें भी रंगीन नजर आने लगी हैं तुम्हारा हाथ थामे जिंदगी में आगे बढ़ने की चाहत भरमाने लगी है अब बस इतनी इल्तजा है तुमसे कि यूं ही बस यू हीं हमेशा तुम मेरा साथ देना और मेरे साथ रहना जिंदगी की इस गली के आखिरी मोड़ के आखिरी छोर तक।।। अनुषा मिश्रा