मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं
अपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
पर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं
दूर रहकर भी रहे ताजी वही सच्ची मोहब्बत है
साथ रहने से तो आदत भी प्यार नजर आती है
दूरियों की साजिश को समझ कर तो देखो जरा
महबूब की हसीं यादों को ये पलकों में छुपाती हैं
मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं
दूरियों की साजिश को समझ कर तो देखो जरा
ReplyDeleteमहबूब की हसीं यादों को ये पलकों में छुपाती हैं.....bht khoob,,,
आपकी लिखी रचना शनिवार 06 दिसम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteअपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
ReplyDeleteपर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं.
....वाह..बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...
वाह क्या खूब लिखा ...........सहज शब्दों में......सुन्दर पंक्तिया!
ReplyDeleteमोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
ReplyDeleteपास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं|बहुत सुन्दर धन्यवाद!
वाह!....बहुत बढ़िया
ReplyDeleteअपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
ReplyDeleteपर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं ...
सच है की दूरियां बहुत कुछ सिखा जाती हैं ... असल प्यार का मतलब भी ...
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-12-2014) को "6 दिसंबर का महत्व..भूल जाना अच्छा है" (चर्चा-1820) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुंदर.
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