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Friday, December 5, 2014

दूरियां

मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं

अपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
पर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं

दूर रहकर भी रहे ताजी वही सच्ची मोहब्बत है
साथ रहने से तो आदत भी प्यार नजर आती है

दूरियों की साजिश को समझ कर तो देखो जरा
महबूब की हसीं यादों को ये पलकों में छुपाती हैं

मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं


9 comments:

  1. दूरियों की साजिश को समझ कर तो देखो जरा
    महबूब की हसीं यादों को ये पलकों में छुपाती हैं.....bht khoob,,,

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  2. आपकी लिखी रचना शनिवार 06 दिसम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. अपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत

    पर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं.
    ....वाह..बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति...

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  4. वाह क्या खूब लिखा ...........सहज शब्दों में......सुन्दर पंक्तिया!

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  5. मोहब्बत में दूरियां अहम किरदार निभाती हैं
    पास आने की ख्वाहिश को हर पल जगाती हैं|बहुत सुन्दर धन्यवाद!

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  6. वाह!....बहुत बढ़िया

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  7. अपनी चाहत से दूर रहना मुश्किल होता है बहुत
    पर नजदीकियों की कीमत दूरियां ही बताती हैं ...
    सच है की दूरियां बहुत कुछ सिखा जाती हैं ... असल प्यार का मतलब भी ...

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  8. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-12-2014) को "6 दिसंबर का महत्व..भूल जाना अच्छा है" (चर्चा-1820) पर भी होगी।
    --
    सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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