दिल की बातों को अल्फाज दे पाना मुश्किल होता है
किसी-किसी राज को दुनिया को बताना मुश्किल होता है
यूं तो जी लेंगे हम तुम्हारे बिना भी जिंदगी
पर दिए के बिना बाती का अस्तित्व बचाना मुश्किल होता है
इस जहां में बातें तो करते हैं सब बड़ी-बड़ी
पर जब खुद पर गुजरे तो सह पाना मुश्किल होता है
कहते हैं खुश रहो उसमें जिसमें खुदा की हो मर्जी
पर कई बार उसकी मर्जी के आगे सिर झुकाना मुश्किल होता है
सुनाते हैं यहां सब किस्से शमां और परवाने की मोहब्बत के
पर परवाने के लिए शमां में जल जाना भी मुश्किल होता है
राधा और कृष्ण के प्यार की यहां देते हैं सब मिसालें
पर राधा-कृष्ण के जैसा प्यारा निभाना मुश्किल होता है
अपनी चाहत के लिए मर जाना माना बुजदिली है मैंने
पर उसके बिना जी पाना भी मुश्किल होता है
ये इश्क की बातें हैं सिर्फ समझेंगे आशिक ही
संगदिलों का इन्हें समझ पाना मुश्किल होता है
बढ़िया सुंदर रचना व लेखन , अनुषा जी धन्यवाद !
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main bilkul sehmat hun apse....sundar rachna
ReplyDeleteपर उसके बिना जी पाना भी मुश्किल होता है
ReplyDeleteवाह।। बहुत खूबसूरत एहसास।
आभार स्मिता जी
Delete
ReplyDeleteजी तो लेंगे तेरे बिन भी,भी दुनियां में जैसे तैसे
बिना दिए ,बाती को बचाना , मुश्किल होता है !
यूँ इस जहाँ में बाते करते सारे आकर बड़ी बड़ी
जब खुद पर गुज़रे , सहपाना मुश्किल होता है !
प्रभावी भावाव्यक्ति है , बधाई !
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteशुक्रिया अरमान जी
Deleteसच मे बहुत मुश्किल होता है :)
ReplyDeleteजी यशवंत जी
Deleteकहते हैं खुश रहो उसमें जिसमें खुदा की हो मर्जी
ReplyDeleteपर कई बार उसकी मर्जी के आगे सिर झुकाना मुश्किल होता है
सच में मुश्किल होता है ... हर मर्जी को सहना ...
लाजवाब शेर है ग़ज़ल का ...
आभार दिगंबर जी
DeleteBeautiful!!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteनई पोस्ट : प्रतीक चिन्ह कितने पवित्र
बहुत सुन्दर ग़ज़ल बनी है.
ReplyDeleteभावों से नाजुक शब्द को बहुत ही सहजता से रचना में रच दिया आपने.........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteखूबसूरत रचना |आभार सहित
ReplyDeleteवाह...बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@मुकेश के जन्मदिन पर.
अंतिम पंक्यिां बहुत अच्छी लगीं
ReplyDeleteThankyou so much sir
Deleteसभी पंक्तियाँ एक से एक सुन्दर लगी !
ReplyDeleteखासकर यह
ये इश्क की बातें हैं सिर्फ समझेंगे आशिक ही
संगदिलों का इन्हें समझ पाना मुश्किल होता है
जैसे खुशबु के बारे समझाया नहीं जा सकता वैसे ही इश्क के बारे में
यह तो सिर्फ दिल से महसूस करने की चीज है !
आपका बहुत बहुत आभार सुमन जी
Deleteबढ़िया प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत आभार
Deleteपहली ही पंक्ति से अपनी दमदार होनी का इशारा करती सार्थक रचना
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