साज तुम्हीं, शृंगार तुम्हीं, तुम जीवन का आधार हो
हृदय तुम्हीं, धड़कन तुम्हीं, तुम ही मेरा प्यार हो
आदि तुम्हीं, अनादि तुम्हीं, तुम ही अनन्त का सार हो
रग-रग में बहता लहू हो तुम, जीवन की रसधार हो
धर्म तुम्हीं, अधर्म तुम्हीं, प्रतिशोध तुम ही, प्रतिकार हो
भक्ति तुम्हीं, समर्पण तुम्हीं, स्वप्न तुम ही साकार हो
गोपियों के हो कन्हइया तुम, यशोदा का संसार हो
मीरा के तुम गिरधर नागर, राधा के प्राणाधार हो
कान्हा तुम्हीं, केशव तुम्हीं, तुम ही नंद के लाल हो
मंद-मंद मुस्कान लिए तुम सबके खेवनहार हो
जन्म दिवस है आज तुम्हारा, तुम्हें समर्पित नेह है सारा
सभी मंगल गीत हैं गाएं, तुम ही हर मां का दुलार हो
गायों के तुम, ग्वालों के तुम, सिर मोर मुकुट चितचोर हो
आशा तुम्हीं, अभिलाषा तुम्हीं, मेरे जीवन की डोर हो
साज तुम्हीं, शृंगार तुम्हीं, तुम जीवन का आधार हो
हृदय तुम्हीं, धड़कन तुम्हीं, तुम ही मेरा प्यार हो
thankyou so much kuldeep ji
ReplyDeleteसादर आभार राजीव जी
ReplyDeleteधर्म तुम्हीं, अधर्म तुम्हीं, प्रतिशोध तुम ही, प्रतिकार होभक्ति तुम्हीं, समर्पण तुम्हीं, स्वप्न तुम ही साकार हो
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कृष्णा के प्रेम में डूबी रचना अनुषा।।
बहुत आभार सि्मता
Deletebahut hi sunder . bolu to lajawaab likha hai aapne...waahhhh
ReplyDeleteसादर आभार परी जी।।।
Deleteभगवन कृष्ण की कृपा आपकी लेखनी पर यू ही बनी रहे ।
ReplyDeleteसादर आभार नवीन जी।।।
Deleteexcellent anusha ji
ReplyDeleteकान्हा के लिए सुन्दर रचना.
ReplyDeleteआपका आभार रंजन जी
Deleteसाज तुम्हीं, शृंगार तुम्हीं, तुम जीवन का आधार हो
ReplyDeleteहृदय तुम्हीं, धड़कन तुम्हीं, तुम ही मेरा प्यार हो
.... भावनाओं का अनुपम श्रृंगार किया है आपने प्रत्येक पंक्ति में
आभार सदा जी
Deleteकृष्ण-जन्म के अवसर पर सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeleteसादर आभार
Deleteमनमोहक प्रस्तुति...कृष्ण जन्म दिवस पर सभी कृष्णमय हो जायें...इस आशा के साथ... मंगलकामनायें...
ReplyDeleteआभार वानभट्ट जी।।।
Deleteकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई
बहुत सुंदर अनुषा :)
ReplyDeleteशुक्रिया जोशी जी
Deleteबहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteधन्यवाद कैलाश जी
Deleteइतनी समर्पण-भावना -मन को छू गई !
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए आभार
Deleteकितनी सुंदर समर्पण भावना !
ReplyDeleteजन्म दिवस है आज तुम्हारा, तुम्हें समर्पित नेह है सारा
ReplyDeleteसभी मंगल गीत हैं गाएं, तुम ही हर मां का दुलार हो..
बहुत सुन्दर
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की मंगलमय शुभकामनायें!
..
आपको भी जन्माष्टमी की शुभकामनायें
Deleteकान्हा की भक्ति और प्रेम के रस में डूबी कविता… बहुत उम्दा..!!
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
प्रतिक्रिया के लिए आभार
Deleteआपको भी जन्माष्टमी की शुभकामनायें
बहुत सुन्दर और भावुक अभिव्यक्ति
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाऐं ----
सादर --
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
प्रतिक्रिया के लिए आभार।।
Deleteजन्माष्टमी की हार्दिक बधाई आपको भी
ReplyDeleteआग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
कृष्ण ने कल मुझसे सपने में बात की -------
wah ! mantr mugdh ho gayi apki ye rachna padh kar
ReplyDeleteThankyou Rewa ji
Deleteप्रेम के रस में डूबी कविता….बेहतरीन प्रस्तुति ...आभार
ReplyDeleteधन्यवाद संजय जी
Deleteगायों के तुम, ग्वालों के तुम, सिर मोर मुकुट चितचोर हो
ReplyDeleteआशा तुम्हीं, अभिलाषा तुम्हीं, मेरे जीवन की डोर हो..
कान्हा जिसके साथ उसे कोई और कहाँ भाये ... बहुत लाजवाब है हर शेर ...
शुक्रिया नासवा जी
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