बेखयाली में अक्सर एक खयाल आता है
कि हंसी हैं वादियां, घटाएं और चमन
आवारा सी फिजाएं हैं हर तरफ
नदी का किनारा एक खूबसूरत
लेटे हो तुम गोद में मेरी सिर रखकर
देख रही हूं मैं तुम्हें अपलक
तुम्हारा एक हाथ मेरे हाथ में है और
दूसरे हाथ से घुमा रही हूं मैं तुम्हारे
बालों में उंगलियां
तुम्हारे चेहरे पर है हल्की सी मुस्कुराहट
मेरी आंखों में भी कुछ शर्म सी है
तुम्हारी आवाज में कशिश सी है
मेरे दिल में भी हलचल अजब सी है
बैठी रहती हूं मैं यूं ही कई घंटों और
तुम भी लेटे रहते हो बस इसी तरह
ख्वाब है ये मेरा सबसे बड़ा कि
ये खयाल बन जाए मेरे जीवन की हकीकत
यूं ही बस यूं ही कट जाए हर लम्हा
यूं ही बीते जिंदगी का सफर
आपकी लिखी रचना शनिवार 11 अक्टूबर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद
Deletebeautifully written lines.. very touching and true..
ReplyDeletethankyou Smita
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteआभार जोशी जी
Deleteबहुत खूब , मंगलकामनाएं आपको !!
ReplyDeleteशुक्रिया सक्सेना जी
Deleteवाह जी वाह शानदार अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत आभार
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत धन्यवाद यश जी
Deleteधन्यवाद
ReplyDeleteआभार शास्त्री जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर अनुषा जी ।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद
DeleteBahut sunder abhivyakti .... umda zazbaat ..shubhkaamnaayein aapko
ReplyDeletethankyou pari ji
Deleteसुंदर ख्याल
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteaamin......
ReplyDeleteसुम्मा आमीन
Deletebehad sadagi se man ke udhati bhawnao ko sabd diye hai aapne
ReplyDeleteThankyou aprna ji
Deleteआमीन ... प्रेम का ये हसीं ख्वाब कभी न टूटे ...
ReplyDeleteइंशाअल्लाह ऐसा ही होगा
Deleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteआभार महेश जी
Delete