जितना भी पढ़ूं तुम्हारे बारे में
उतना ही और पढ़ने का मन करता है
तुम्हारे बारे में और जानने का
तुम्हें महसूस करने का मन करता है
तुम्हारी संजीदगी से प्यार हो गया है मुझे
हो गया है मुझे तुम्हारी लेखनी से प्यार
तुम्हारी सोच से प्यार है मुझे
तुम्हारे समर्पण से प्यार है मुझे
तुम्हारी सादगी से प्यार है मुझे
तुम्हारे कैनवास
तुम्हारी कूंची से प्यार है मुझे
प्यार है मुझे तुम्हारे उस प्यार से
जो तुमने अमृता को किया
सच कहूं तो मुझे तुमसे प्यार है
तुम बहुत अच्छे हो इमरोज
उतना ही और पढ़ने का मन करता है
तुम्हारे बारे में और जानने का
तुम्हें महसूस करने का मन करता है
तुम्हारी संजीदगी से प्यार हो गया है मुझे
हो गया है मुझे तुम्हारी लेखनी से प्यार
तुम्हारी सोच से प्यार है मुझे
तुम्हारे समर्पण से प्यार है मुझे
तुम्हारी सादगी से प्यार है मुझे
तुम्हारे कैनवास
तुम्हारी कूंची से प्यार है मुझे
प्यार है मुझे तुम्हारे उस प्यार से
जो तुमने अमृता को किया
सच कहूं तो मुझे तुमसे प्यार है
तुम बहुत अच्छे हो इमरोज
एक ऐसी शख्सियत जिसकी अच्छाईयों को हर बार .... ढाई अक्षरों से नवाज़ा गया
ReplyDeleteभावमय करती प्रस्तुति
बहुत आभार
DeleteBahut sunder rachna... Mujhe waise mloom nahi Imroz ji ke baare me lekin iss raachna se maloom padta hai wah unke humsafar hai.. Baaki adhik padhane ke liye kal google ki sahayata lenge.... Dhanywad !!
ReplyDeleteएक बार उनके बारे में पढ़कर देखिये परी जी आपका दोबारा पढ़ने का मन ज़रूर करेगा
Deleteइस प्यार को सलाम !
ReplyDeleteबेहद सुंदर , धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
~ I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ ~ ( ब्लॉग पोस्ट्स चर्चाकार )
आपका आभार
Deleteशुक्रिया शास्त्री जी
ReplyDeleteemroj ke baare me padhna aur unki baate karna.. jiondgi ko mahsus krne ki tarah hai..
ReplyDeletepyaar sachmuch nayab hota hai kitaabo me jarur dekha padha par is baat ko amrita emroj ki jindgi me gahrai tak dekha ja sakta hai
pichhle kuchh samay se inhe padhna shuru kia hai to bs har pal har baat me unke hi examples dene lagi hu
behad khoobsurat likha tumne anusha..bcos emroj realy deserves lov and ur passion
सच कहा स्मिता
Deleteशुक्रिया
आभार
ReplyDeleteअमृता और इमरोज़ का नाम ही प्रेम का पर्याय है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसच कहा आपने
Deleteप्रतिक्रिया के लिए आभार
इमरोज भी इस दुनिया में होते हैं विश्वास नही होता । रसीदी टिकिट पढ़कर जाना कि ऐसा समर्पण दुर्लभ है ।
ReplyDeleteसच गिरिजा जी... उनके जैसा समर्पण वाकई में दुर्लभ है
Deletesahi kaha anusha...
ReplyDeleteशुक्रिया अरमान जी
Deleteवाह प्रेम को एक अलग ऊंचाइयां दे दीं इन शब्दों ने ...
ReplyDeleteआभार आपका
Delete