एक अबूझ पहेली जिंदगी
एक खुशनुमा अहसास जिंदगी
हर पल कुछ हासिल करने की चाह जिंदगी
कभी काली परछाई सी तो
कभी सुनहरे प्रतिविम्ब सी जिंदगी
हर पल दरकते रिश्तों में
अपनत्व का गारा भरती जिंदगी
कभी पतंग के माझे सी उलझती
कभी रेशम की डोर सी सुलझती जिंदगी
कभी फूलों सी सुगंध बिखेरती
कभी कांटों सी भेदती जिंदगी
कभी अधूरे ख्वाब सी
कभी सम्पूर्ण विश्वास सी जिंदगी
हमें अपनों से दूर कर रुलाती और फिर
हमारी गोद में किलकारियां दे जाती जिंदगी
हर खुशी, हर गम में हमें अनवरत
चलते जाने का पाठ पढ़ाती जिंदगी
हर खुशी, हर गम में हमें अनवरत
ReplyDeleteचलते जाने का पाठ पढ़ाती जिंदगी
...यही ज़िंदगी का सच है...बहुत सुन्दर
आपका आभार
ReplyDeleteकई मायने हैं ज़िन्दगी के!
ReplyDeleteसुन्दर लिखा है आपने।
आपका धन्यवाद
Deleteबढ़िया है आदरेया
ReplyDeleteआभार-
शुक्रिया
Deleteसादर
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 03-07-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1663 में दिया गया है
ReplyDeleteआभार
आपका आभार
Deleteइसे ही तो जिन्दगी कहते है।हर पल बदलती जिन्दगी।
ReplyDeleteबहुत खूब।
सादर आभार
Deleteबहुत खूब।
ReplyDeleteकभी फूलों सी सुगंध बिखेरती
कभी कांटों सी भेदती जिंदगी..............अच्छे भाव ली हुयी लाइनें
शुक्रिया प्रभात जी
Deleteजिंदगी की हज़ार रंग में अपने हिस्से कौन से रंग आये ऊपर वाला ही जानता है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
धन्यवाद कविता जी
Deleteबहुत सुंदर ..अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर
ReplyDeleteधन्यवाद सुमन जी
Deleteहर खुशी, हर गम में हमें अनवरत
ReplyDeleteचलते जाने का पाठ पढ़ाती जिंदगी
........बहुत सच कहा है बेहतरीन प्रस्तुति...आभार
धन्यवाद संजय जी
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