रचानात्कता एक ऐसी चीज है जो इस दुनिया की बाकी किसी भी चीज से ज्यादा सुकून देती है। या यूं कहा जाए कि आप अपने मन की भावनाओं को अपनी रचनाशीलता से ही कई बार बाहर निकाल पाते हैं। कुछ लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए पेंटिंग बनाते हैं, तो कुछ कविताएं लिखते हैं, कुछ लोग जज्बातों को शेरो-शायरी में पिरो देते हैं और कुछ मुक्तक और छन्द बनाते हैं। दरअसल अपनी भावनाओं को मूर्त रूप देने से ज्यादा सुखद अनुभूति तब होती है जब आपकी रचनाओं को सराहने वाले कोई मिल जाता है। और ऐसा मौका आपको ब्लॉग के जरिए मिलता है। शायद यही वजह है आजकल ब्लॉगिंग युवाओं को बहुत भा रही है।
24 साल की श्रुति को कविताएं लिखना बहुत पसंद है, लेकिन वह अपनी कविताओं को अपनी जान-पहचान के लोगों को पढ़ाने में हिचकिचाती है। उसे लगता है कि अगर उसकी कविता अच्छी नहीं हुई तो लोग उसका मजाक बनाएंगे। लेकिन वह उसे लोगों के सामने भी लाना चाहती है, ऐसे में उसे खयाल आया कि क्यों न अपना एक ब्लॉग बनाऊं और
अपनी सारी कविताओं को उसमें ही डालूं। इस बहाने लोग मेरी कविताओं को पढ़ भी लेंगे। अगर उन्हें मेरी कविता पसंद आई तो मुझे तारीफ मिल जाएगी और अगर पसंद नहीं आए तो प्रत्यक्ष रूप से लोग मेरा माजक भी नहीं बना पाएंगे।
दरअसल यह कहानी सिर्फ श्रुति की ही नहीं है, बल्कि और भी कई ऐसे युवा हैं जिनके अंदर प्रतिभा तो है लेकिन वे इसे दुनिया के सामने लाने में हिचकिचाते हैं। ऐसे ही लोगों को ब्लॉगिंग साइट्स ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो उनकी प्रतिभा को दुनिया के सामने प्रदर्शति करने का मौका देता है वह भी बिना किसी प्रत्यक्ष परिचय के।
ब्लॉगिंग का इतिहास
ब्लॉगिंग से जुड़ा शब्द वेबलॉग सबसे पहले 1997 में जॉर्न बार्गर द्वारा इस्तेमाल किया गया। अप्रैल या मई 1999 में पीटर मेरहोल्ज ने अपने ब्लॉग पेट्रीम में मजाक में वेबलॉग को तोड़कर वी ब्लॉग लिख दिया। यह शब्द तब लोकप्रिय हो गया जब पाइरा लेबोरेटरीज के इवान विलियम ने पाइरा लेबरोटरीज के साथ मिलकर ब्लॉगर प्लेटफॉर्म बनाया और इसमें पोस्ट की जाने वाली रचनाओं को ब्लॉग का नाम दिया। हिंदी में पहला ब्लॉग 2003 में शुरू हुआ था।
बढ़ रही है ब्लॉगर्स की संख्या
फरवरी 2011 तक पूरी दुनिया में 15 करोड़ 60 लाख लोग ब्लॉग का उपयोग शुरू कर चुके हैं। भारत में भी अंग्रेजी के अलावा लगभग सभी भारतीय भारतीय भाषाओं में ब्लॉग लिखे जा रहे हैं जिनमें हिंदी सबसे ऊपर है। हिंदी में करीब 30 हजार ब्लॉगर हैं, जिनमें से चार हजार के करीब नियमित ब्लॉग लेखक हैं।
मिलता है एक प्लेटफॉर्म
ब्लॉगिंग उन युवाओं के लिए बहुत अच्छा विकल्प साबित हुआ है जिन्हें कुछ भी क्रिएटिव करना अच्छा लगता है। यहां आपको अपनी रचनाओं को दुनिया के सामने रखने का एक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म मिलता है। साथ ही आप अपनी रचना उन लोगों तक आसानी से पहुंचा पाते हैं जो वाकई में आपकी रचनात्कता को समझते हैं। आजकल ब्लॉग जगत में कुछ लोगोें ने मिलकर कई सामूहिक मंच बना लिए हैं, जिनमें वे आपकी रचनाओं को शामिल करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाते हैं। हिंदी ब्लॉग जगत में चर्चा मंच, ब्लॉगवाणी, हमारीवाणी, नई-पुरानी हलचल जैसे कई कई मंच हैं जहां आपकी रचनाओं को स्थान मिलता है और आपको लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने का मौका भी।
प्रतिक्रियाओं से मिलता है प्रोत्साहन
आप अपने ब्लॉग में जो कुछ भी लिखते हैं उस पर आपको लोगों की प्रतिक्रियाएं भी तुरंत मिल जाती हैं। प्रतिक्रियाओं में आपकी तारीफ भी हो सकती है और आलोचना भी। लेकिन दोनों ही सूरतों में फायदा आपका ही होता है क्योंकि तारीफ और आलोचनाएं दोनों ही आपको और अच्छा करने के लिए प्रेरित करती हैं।
तकनीक ने बनाया आसान
अगर आज से 10-12 साल पहले की बात करें तो लोगों को ब्लॉग के बारे मेें न तो ज्यादा जानकारी थी और न ही इसे इस्तेमाल करने के लिए उनके पास हर समय उपलब्ध तकनीक थी। लोगों को नेट पर अपनी रचनाओं को शेयर करने के लिए स्पेस भी खरीदना पड़ता था लेकिन आजकल जब हर किसी की मोबाइल में इंटरनेट है और हर आपके लिए पर्याप्त स्पेस आपको कई साइट्स पर मुफ्त में मिल रहा है तो यह बहुत ही आसान हो गया है। अब तो कई प्रतिष्ठित समाचार वेबसाइट्स भी अपना स्पेस लोगों को ब्लॉग बनाने के लिए देती हैं।
कुछ युवा करते हैं कमाई भी
ब्लॉग कुछ युवाओं के लिए कमाई का भी जरिया बन गया है। आपके ब्लॉग पर जितने ज्यादा विजिटर्स आते हैं आपके ब्लॉग की लोकप्रियता गूगल पर उतनी ही बढ़ती जाती है और ब्लॉग की लोकप्रियता के आधार पर ही गूगल किसी भी ब्लॉग को विज्ञापन देता है। जिससे ब्लॉग संचालित करने वाली की आय हो जाती है। लेकिन कुछ युवा ऐसे भी हैं जो आपके ब्लॉग को लोकप्रिय बनाने के लिए भी आपसे पैसे लेते हैं और ऐसा वे एक के लिए नहीं बल्कि कई के लिए करते हैं। जिससे उनकी अच्छी-खासी कमाई हो जाती है।
बढ़िया जानकारी दी है
ReplyDeleteनयी-पुरानी हलचल का ज़िक्र करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
ReplyDeleteकृपया सूचित करें कि यह आलेख किस पत्रिका/समाचार पत्र मे प्रकाशित हुआ है ?
सादर
कल्पतरु एक्सप्रेस में
Deleteआप इसे http://www.kalptaruexpress.com/Details.aspx?id=37068&boxid=1534241 से प्राप्त कर सकते हैं
बहुत बहुत धन्यवाद !
DeleteLike :)
ReplyDeleteThankyou
Deleteब्लॉगिंग की दुनिया को अपने शब्दों की परवाज़ देने का आभार , अनुषा ...शुभकामनायें
ReplyDeleteआपका धन्यवाद।।।
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (10-06-2014) को "समीक्षा केवल एक लिंक की.." (चर्चा मंच-1639) पर भी होगी!
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
shukriya
Deleteकल 11/जून/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
शुक्रिया यशवंत जी
Deleteसुंदर व महत्वपूर्ण जानकारी के लिये धन्यवाद.
ReplyDeleteमैं,ब्लोग-जगत में पिछले करीब तीन वर्ष से हूं.
आपने सही कहा आलोचना भी हमें बेहतर लोखने के लिये प्रेरित करती है.
इस माध्यम से--मैं कितने लोगो से जुड गई हूं--रोमांचित हूं.
पुनः धन्यवाद.
dhanyawad
Deleteanusha -i think that the most important thing about blogging is -self publishing .it has given us liberty to publish our written work .now we have no need of any publisher .well written article .please accept my best wishes .
ReplyDeletethankyou ma'am
Deleteशुभ प्रभात अनुषा बहन
ReplyDeleteएक अच्छा प्रयास
लोग जागरूक होंगे
हिचक मिटेगी
हिम्मत बढ़ेगी
इसे पढ़कर
सादर
धन्यवाद यशोदा जी...
Deleteaapne isme online contests ka zikr nahi kiya jo aajkal bloggers ke liye major attraction bane hue hain indiblogger aur blogadda ne blogging ko naya hi rang de diya hai .. brands ka promotion bhi ho jata hai aur bloggers ko shopping vouchers aur kai baar travel package se lekar kai tarah k gift hamper bhi milte hain.
ReplyDeleteमाफ़ करियेगा भावना जी.. मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं थी..
Deleteज्ञानवर्धक पोस्ट...
ReplyDeletejaankaari dene ke liye Abhaar
ReplyDeletethankyou
Deleteयहां आपने बात की है कि कई लोग ब्लॉग के जरिए कमाई भी कर रहे हैँ। मैं जानना चाहता हूं कि क्या हिंदी ब्लॉग या वेबसाइटस को भी गूगल एडसेंस से एड मिलते हैं, क्योंकि मेरी जानकारी में अभी उसकी लिस्ट से हिंदी बाहर है।
ReplyDeletehttp://hindisatire.blogspot.in/