बहुत कुछ अनकहा है मेरे और तुम्हारे बीच
बहुत कुछ है जो कहना चाहती हूं मैं तुमसे
बताना चाहती हूं तुम्हें कि
तुम्हारे होने से ही
मुझे अपनी धड़कनोें का एहसास होता है
तुम्हारी एक धीमी सी मुस्कारहट भी
मुझमें नई ऊर्जा का संचार कर जाती है
तुम्हारा मुझसे ये कहना कि
नहीं रह सकते तुम मेरे बिना
मेरे वजूद को और मजबूत बना देता है
जब कोई करता है तुम्हारी तारीफ तो
मुझे खुद पर गर्व का अनुभव होता है
जब तुम मेरा हाथ पकड़ते हो तो लगता है
कि जीवन का हर युद्ध हैं जीत जाऊंगी
तुम्हारा साथ मुझे जेठ की दुपहरी में भी
ठंडक सा दे जाता है
तुमसे दूर होने का खयाल भी मुझे
भीड़ में तन्हा कर जाता है
तुम्हारी आंखों में चाहत की वो शिद्दत देखकर
तुम पर फना हो जाने को जी चाहता है
तुम्हारे बिना गुजारे कुछ पल भी मुझे
सदियों से लम्बे लगते हैं और
तुम्हारे साथ बिताए कई घंटे
मिनटों में बदल जाते हैं
अब मुझे तुमसे बस इतना है कहना
कि मुमकिन नहीं है मेरा तुम्हारे बिना रहना
प्रेम का सुन्दर चित्रण। शब्दों से भावनाए छलक रही हैं।
ReplyDeletethankyou smita
Deleteसुंदर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteशुक्रिया सुशील जी
Deleteखूबसूरत आत्म अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteआपका आभार
Deleteबहुत खूब अनुषा जी।
ReplyDeleteसादर
धन्यवाद यशवंत जी
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19-06-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1648 में दिया गया है |
ReplyDeleteआभार |
शुक्रिया दिलबाग जी
Deleteबहुत सुन्दर प्रेमाशिक्त अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteनौ रसों की जिंदगी !
आपका धन्यवाद
ReplyDeletesach me apke shabdo me jaadu hai....
ReplyDeleteThankyou so much Sanjay ji
Deleteप्रेम का एहसास लिए भावपूर्ण ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपका धन्यवाद प्रतिभा जी
Deleteमजबूत साथ हो जिंदगी का प्यार भर सफर आसान बन जाता है
ReplyDeleteप्यार के रंग में रंगी बहुत बढ़िया बानगी...