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Wednesday, April 17, 2013

हनुमान और राम


एक ही कक्षा में पढ़ते थे हनुमान और राम
मेधावी थे राम और हनुमान बेकाम
गुंडा गर्दी में वे आगे खेलकूद में सरपट भागे
राम थे पोथी तक सीमित और पढ़ाई में आगे
इम्तिहान जब सिर पर आया, हनुमान ने पाठ पढ़ाया
मां से कहा मेहनत है पड़ती
इसलिए दुगना घी खाया
हुए परीक्षा फल जब घोषित
हनुमान थे अनुत्तीर्ण और राम हुए उत्तीर्ण
हनुमान ने लगा लिया अब चौराहे पर खोखा
जिसमें रखकर बेचते थे वे आगरे वाला पेठा
राम ने आगे की पढ़ाई और डिग्रियां पार्इं
पर ये सारी विद्या उनको रोटी न दे पाई
आखिर थक कर गए वो हनुमान के पास
बोले यार काम न मिलता मैं हूं एमए पास
हनुमान से सोचा समझा फिर लिखी एक पाती
कपड़े की मिल में यार को अपने बना दिया चपरासी

7 comments:

  1. लाजवाब | जय श्री राम | बजरंगबली की जय |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  2. आपकी यह प्रस्तुति कल के चर्चा मंच पर है
    कृपया पधारें

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  3. रचना हास्य रस मे लिपटा अपना कटाक्ष कहने में समर्थ है बहुत बढ़िया पहली बार आपको पढ़ रही हूँ अच्छा लगा अपने एग्रीगेटर पर लाने के लिए आपका ब्लॉग फोलो किया है वक़्त मिले तो मेरे ब्लॉग पर भी आइये http://hindikavitayenaapkevichaar.blogspot.in/

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  4. मेरी रचना को चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत-बहुत आभार

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  5. आज का सच कहती रचना

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  6. शानदार ....बेहतरीन प्रस्तुति !!
    पधारें बेटियाँ ...

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  7. very good aaj kal yehi chal raha h...

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