तुम्हारी मोहब्बत का सावन

बरस रहा है एक सावन कहीं खिड़की के बाहर मेरे भीतर भी बरसता रहता है एक सावन तुम्हारे प्यार की रिमझिम फुहार भिगो देती है मेरे मन को बारिश की हर बूंद में मुस्कुराते दिखते हो तुम उन्हें उठाने की कोशिश करती हूं मैं जैसे अपने हाथों में भर रही हूं तुम्हारा चेहरा तेज बरसती बारिश में भीगने से होता है तुम्हारे प्यार में भीगने का अहसास सावन की हरियाली जैसे ही ताजे हो जाते हैं तुम्हारे साथ बीते पल मन में कहीं कूकने लगती है कोयल जो गाती है हमारी मोहब्बत के तराने बागों में नाचते मोर की तरह लगता है जैसे मैंने भी फैला लिए हों पर और नाच रही हूं मैं भी कि मुझ पर भी तो बरस रहा है तुम्हारी मोहब्बत का सावन