मुहब्बत पे तुम्हारी यकीं है मुझे
पर किस्मत पर अपनी भरोसा नहीं
पास रहना तुम्हारे है मुश्किल बहुत
दूर जाना भी तुमसे है मुमकिन नहीं
एक बारी तो करीब आकर देखो मुझे
दिल तो है सीने में पर धड़कन नहीं
कहते हैं सब तुम्हारे साथ होगी
जिंदगी बदतर हमारी
बिन तुम्हारे भी तो अब जन्नत नहीं
कहना है हमें आज तुमसे बस इतना
कि तुम जो नहीं तो हम भी नहीं
पास रहना तुम्हारे है मुश्किल बहुत
ReplyDeleteदूर जाना भी तुमसे है मुमकिन नहीं ...
बहुत खूब ... पर प्रेम की विडंबना भी तो समझनी जरूरी है ... पास ही रहना चाहता है ...
लाजवाब ग़ज़ल ...
सही कहा आपने नासवा जी।।
Deleteप्रतिक्रिया के लिए आभार
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 04-09-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1726 में दिया गया है
ReplyDeleteआभार
बहुत आभार विर्क जी
Deleteवाह...।
ReplyDeleteबहुत खूब रहे ये फुटकर अशआर।
शुक्रिया शास्त्री जी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteएक बारी तो करीब आकर देखो मुझे
दिल तो है सीने में पर धड़कन नहीं
शुक्रिया अज़ीज़ साहब
Deleteएक बारी तो करीब आकर देखो मुझे
ReplyDeleteदिल तो है सीने में पर धड़कन नहीं
सुन्दर भाव और अर्थ लिए मनभावन प्रेम दिवस गाथा पर .जतलाना बस यही होता है तुम हमारे लिए महत्वपूर्ण हो .ज़रूरी हो साँसों की धौकनी से .
आभार संजय जी
Deleteखुबसूरत रचना
ReplyDeleteधन्यवाद भारती जी
Deleteवाह...बहुत खूब
ReplyDeleteपास रहना तुम्हारे है मुश्किल बहुत
दूर जाना भी तुमसे है मुमकिन नहीं
धन्यवाद स्मिता
Deleteसुंदर प्रस्तुति , अनुषा जी धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 5 . 9 . 2014 दिन शुक्रवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !
शुक्रिया आशीष जी
Deleteआभार जोशी जी
ReplyDeleteएक बारी तो करीब आकर देखो मुझे
ReplyDeleteदिल तो है सीने में पर धड़कन नहीं
कहते हैं सब तुम्हारे साथ होगी
जिंदगी बदतर हमारी
बिन तुम्हारे भी तो अब जन्नत नहीं
एकदम बढ़िया
Bahut sunder rachna....umdaaa!!
ReplyDeletethankyou
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