आओगे तुम एक दिन

तुम्हारी नारज़गियों को भी दिल से अपनाया हमने और तुम हमारी मोहब्बत को ठुकरा कर चल दिए सोचा था जिएंगे-मरेंगे साथ हम घड़ी दो घड़ी तुम बिताकर चल दिए किस्मत से अपनी हर पल हमने माँगा तुम्हें बदकिस्मती का दामन तुम थमा कर चल दिए पलकों में अपनी तुम्हें छुपाया था हमने और नज़रें तुम हमसे चुरा कर चल दिए चाहत पे अपनी था बहुत नाज़ हमें बेवफा तुम हमको बताकर चल दिए यकीं है मुझे वापस आओगे तुम एक दिन भले ही मोहब्बत के वादों को भुलाकर चल दिए