भीख मांगता बच्चा
चौराहे पर खड़ा एक छोटा बच्चा हाथ फैलाकर मांग रहा था किसी से एक किसी से दो तो किसी से दस रुपये आते-जाते कुछ लोग डाल देते थे उसके कटोरे में कुछ भीख कुछ लोग दे देते थे उसे खाने के लिए कोई बिस्किट तो कोई नमकीन लेकिन नहीं दे रहा था उसे कोई सीख कि बेटा नहीं तुम्हारी उम्र मांगने की भीख अभी तो पूरा जीवन है तुम्हारे सामने चाहो तो संवार सकते हो तुम अपनी जिंदगी अपने इन्हीं हाथों से जिनमें तुमने पकड़ा है कटोरा लेकिन इसके लिए तुम्हें बस करनी होगी मेहनत लड़ना होगा अपने हालातों से समझना होगा कि भीख मांगना ही नहीं है तुम्हारी किस्मत कि तुम ही हो इस देश का भविष्य और नहीं मांगने दोगे तुम भविष्य में इस देश को भीख