फिर तुम्हारा साथ मिले न मिले

सालों पहले मुझे हो गई थी तुमसे मोहब्बत जिसे अपने दिल में छुपाकर काटा मैंने हर एक दिन मेरे पास भले ही नहीं थे तुम लेकिन तुमसे दूर नहीं थी मैं आज जब मिले हो तुम मुझे इतने सालों बाद तो जी करता है कि आने वाले हर पल को बिताऊं तुम्हारे साथ तुम्हारेचेहरे को बसा लूं अपनी आंखों में तुम्हारी खुशबू से महका लूं अपना मन छुप जाऊं तुम्हारे सीने में मैं समा जाऊं तुम्हारी सांसों में हाथों में लेकर तुम्हारा हाथ देखती रहूं तुम्हारी सूरत सारी रात रख लो तुम मेरे कंधे पर सिर खो जाऊं मैं तुम्हारी बातों में फिर जी लूं हर एक लम्हे को जी भरकर क्या पता फिर तुम्हारा साथ मिले न मिले